रविवार, अप्रैल 28, 2024

Right to Repair: स्मार्टफोन से लेकर कार, बाइक आदि को किसी भी वर्कशॉप पर रिपेयर करवाए… नया नियम लागू

अक्सर जब हम कोई भी नया वाहन जैसे बाइक, कार या फिर अन्य कोई इलेक्ट्रिक डिवाइस खरीदते हैं तो उसकी वारंटी दी जाती है। यानी कि यदि वह डिवाइस खराब हो जाता है तो उसे एक निश्चित समयावधि में जहां से हमने खरीदा था वहां पर ही रिपेयर करवा सकते हैं या बदला भी सकते हैं। जब कभी उस इलेक्ट्रिकल सामान में खराबी हों जाए या रिपेयरिंग कराना हो तो हमें उस सर्विस सेंटर के ही चक्कर लगाने पड़ते हैं। यदि थोड़ी बहुत रिपेयरिंग कम खर्च में किसी लोकल वर्कशॉप पर करवा लेते हैं तो उसकी वारंटी खत्म हो जाती है। और उसकी वारंटी को बचाने के लिए सर्विस सेंटर में ही रिपेयरिंग कराते हैं जहां पर कार, बाईक या किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रिक डिवाइस की रिपेयरिंग के लिए बहुत ज्यादा पैसे वसूले जाते हैं।

लेकिन उपभोक्ताओं की इस समस्या समाधान के लिए सरकार के द्वारा एक नया नियम Right to Repair लाया गया है, जिससे अब उपभोक्ताओं को अपने इलेक्ट्रिक सामान की किसी भी प्रकार की छोटी मोटी रिपेयरिंग के लिए सर्विस सेंटर के चक्कर लगाने नहीं पड़ेंगे। अब वह आसानी से अपने आसपास के किसी भी लोकल वर्कशॉप में कम खर्च में रिपेयरिंग करवा सकते हैं।

क्या है Right to Repair law?

राइट टू रिपेयर नियम, उपकरणों और उनके मालिक के लिए ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कृषि उपकरण जैसे प्रोडक्ट्स को स्वतंत्र रूप से संशोधित और रिपेयर करने का कानूनी अधिकार है। नियम लागू करने से पहले किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के खराब होने पर उनके रिपेयर के लिए प्रतिबंध थे जैसे कि केवल निर्माता की रखरखाव सेवाओं का उपयोग करने की आवश्यकता, उपकरण और घटकों तक पहुंच पर प्रतिबंध, और सॉफ्टवेयर बाधाएं। और इस राइट टू रिपेयर नियम में इन सभी प्रतिबंधों को हटा दिया गया है।

संयुक्त राज्य अमेरिका और साथ ही यूरोपीय संघ में कई राज्यों में right to repair का कानून पारित किया गया है। और अब भारत में भी इसे लागू कर दिया गया है।

द मिनिस्ट्री ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स (MCA) के द्वारा Right to Repair portal गठित किया गया। इस framework का उद्देश्य है कि उपभोक्ता नया प्रॉडक्ट खरीदने की बजाय कम लागत पर अपने डिवाइस को रिपेयर करवा सकें। ये उपकरण कृषि उपकरण, मोबाइल फोन और टैबलेट, ऑटोमोबाइल और ऑटोमोबाइल उपकरण हैं।
इस framework के तहत, निर्माताओं के लिए अपने उत्पाद विवरण को ग्राहकों के साथ साझा करना अनिवार्य होगा ताकि वे मूल निर्माताओं पर निर्भर रहने के बजाय या तो स्वयं या तीसरे पक्ष द्वारा उनकी मरम्मत कर सकें। Right to repair नियम का उद्देश्य मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम), तीसरे पक्ष के खरीदारों और विक्रेताओं के बीच व्यापार को सुसंगत बनाने में मदद करना है – इस प्रकार नई नौकरियां भी पैदा करना।

Right to Repair से क्या फायदा होगा?

राइट टू रिपेयर नियम उपभोक्ताओं को वारंटी के तौर पर खरीदे गए उपकरणों को उनके निर्माता कंपनियों से ही रिपेयर करवाने के प्रतिबंध के विरोध में है। यानी यह अधिकार उपभोक्ताओं के लिए बनाया गया है जिससे वे अपने उपकरणों को कहीं भी रिपेयर करवा सकता है। उसे रिपेयर करवाने के लिए उनके निर्माता कंपनी में जाने की आवश्यकता नहीं होगी, और ना ही उसकी वारंटी खत्म होगी। तो आइए जानते हैं कि right to repair से उपभोक्ताओं को और क्या क्या लाभ होंगे:-

  • उपभोक्ता अपने उपकरण को रिपेयर पर पैसे बचा सकते हैं।
  • उपभोक्ता अपने उत्पादों का life बढ़ा सकते हैं। और उन्हे ज्यादा लंबे समय तक यूज कर सकेंगे।
  • प्रतियोगिता को बढ़ावा दिया जाता है, जो मरम्मत की लागत को कम रखने में मदद करता है। रिपेयरिंग के लिए दुकानदारों के बीच होड़ लग जाएगी, जिससे रिपेयरिंग की लागत कम हों सकती है।
  • E-waste कम हो सकता है।
  • उपभोक्ताओं का अपने डिवाइस पर अधिक कंट्रोल हो सकता है।

Right to Repair से क्या नुकसान पहुंच सकता है?

Right to Repair law के खिलाफ यहां कुछ तर्क दिए गए हैं

  • निर्माताओं का तर्क है कि राइट टू रिपेयर नियम उत्पाद की गुणवत्ता में कमी लाएगा।
  • निर्माताओं का तर्क है कि राइट टू रिपेयर अधिकार के कारण सुरक्षा जोखिमों में वृद्धि होगी।
  • निर्माताओं का तर्क है कि इस अधिकार से उपकरणों के नकली पुर्जों (parts) की संख्या में वृद्धि होगी।

हालांकि, इन दावों का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं है। वास्तव में, अध्ययनों से पता चला है कि right to Repair कानून का उत्पाद की गुणवत्ता, सुरक्षा या नकली पुर्जों के उपयोग पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है।

Right to Repair के अन्तर्गत कौन कौन से सेक्टर होगें?

राइट टू रिपेयर नियम के अंतर्गत कई स्मार्टफोन, कृषि उपकरण और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आते हैं। जिसे अब कहीं भी रिपेयर करवा सकते हैं।

यहां Right to Repair कानून के अन्तर्गत आने वाले सेक्टर दिए जा रहे हैं:-

  • कृषि उपकरण
  • मोबाइल / इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस
  • consumer durable
  • ऑटोमोबाइल उपकरण

राइट टू रिपेयर नियम के तहत ये 4 सेक्टर दिए गए हैं।

Right to Repair नियम में रजिस्टर ब्रांड कौन कौन से हैं?

राइट टू रिपेयर नियम में कुछ कंपनियां रजिस्टर है। यदि आप इन ब्रांड के प्रॉडक्ट यूज करते हैं तो राइट टू रिपेयर नियम के अंतर्गत कहीं भी रिपेयर करवा सकते हैं। ये Register brand हैं:-

  • KENT RO Systems Ltd
  • SAMSUNG India electronics Pvt Ltd
  • HONDA motercycle and scooter India Pvt Ltd
  • HERO motocorp limited
  • Imagien marketing limited
  • Havells India limited
  • HP Inc.
  • Microtek
  • LG electronics IND pvt Ltd
  • OPPO mobile India Pvt Ltd
  • RDP workstation Pvt Ltd
  • PANASONIC life solution India Pvt Ltd
  • SSP computers
  • TAFE moters and tractors limited
  • LUMINOUS power technologies Pvt Ltd
  • REALME mobile telecommunication pvt Ltd
  • Apple India Pvt Ltd

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